Thursday, 31 May 2018

भले ही 4 लोकसभा सीटें बीजेपी हार जाए, फिर भी सदन में BJP का रहेगा बहुमत

31 मई को चार लोकसभा सीटों कैराना, पालघर, भंडारा-गोंदिया और नगालैंड में उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है और चौथी नगालैंड सीट पर सहयोगी पार्टी को समर्थन दे रही है. इसलिए इन नतीजों के साथ इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि बीजेपी इन सीटों पर हारती है तो लोकसभा में क्‍या उसका बहुमत का गणित गड़बड़ा जाएगा? वैसे तो सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी के नेतृत्‍व में एनडीए के पास 300 से भी अधिक सीटें हैं लेकिन 2014 में बीजेपी ने अपने दम पर 282 सीटें हासिल की थीं. चार साल बाद यह सीटें घटकर 272 हो गई हैं.

हालांकि इस वक्‍त लोकसभा की सदस्‍य संख्‍या 543 में से 536 है. इसके बाद खाली पड़ी सीटों में से चार पर चुनाव हो रहे हैं. इस तरह लोकसभा सदस्‍यों की संख्‍या बढ़कर 540 हो जाएगी. ऐसे में यदि इन चारों सीटों पर बीजेपी जीत हासिल नहीं भी कर पाती है तो भी इस लिहाज से उसके पास बहुमत(271) से एक सीट ज्‍यादा होगी.

कैराना (यूपी)
बीजेपी सांसद और गुर्जर नेता हुकुम सिंह के निधन के कारण यह सीट रिक्‍त हुई है. पार्टी ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. गोरखपुर और फूलपुर में सपा-बसपा तालमेल की तर्ज पर यहां भी विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए अपने प्रत्‍याशी को उतारा है. यहां अजित सिंह की पार्टी रालोद (RLD) ने महिला प्रत्‍याशी तबस्‍सुम हसन को उतारा है. सपा ने इनको समर्थन दिया है. जाट-मुस्लिम तनाव और सियासी रसूख के लिए जाट-गुर्जर प्रतिद्वंद्विता के बीच यह मुकाबला है. गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी की चौंकाने वाली हार के बाद सीएम योगी और पीएम मोदी के लिए यह अगली अग्निपरीक्षा है.

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Friday, 25 May 2018

सावधान! घरों में लगे राउटर और ब्लूटूथ से निकलने वाली तरंगे आपको कर देती हैं बीमार

सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली: घरों के बाहर जो मोबाइल टावर्स लगे हैं उनकी तरगों से हमें बहुत परेशानी होती है. इसलिए उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर लगाने के नियम बने हैं. लेकिन, घर के अंदर जो राउटर लगा है, (वाई फाई-ब्लूटूथ) जिससे घर के सभी तरह के कम्यूनिकेशन वाले इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस चलते हैं, उनकी तरगें कितनी खतरनाक होती हैं, कभी सोचा है. इसलिए नहीं सोचा क्योंकि इन इलेकट्रॉनिक अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज कितनी होनी चाहिए ऐसा कोई मानक नहीं है, ना ही कंपनियां कुछ बताती हैं, और ना ही कोई सरकारी निर्देश हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. एनपीएल इन अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज का मानक तय करने जा रही है. इसके बाद कंपनियों को रेडिएशन रेंज को ध्यान में रखकर ये अपलाइंसेस बनाने होंगे.

पॉल्यूशन के बाद अब रेडिएशन पर है एनपीएल की नजर
जी हां, पॉल्यूशन पर मानक बनाने के बाद अब एनपीएल ने रेडिएशन रेंज पर मानक लाने का काम शुरू कर दिया है. आप सोच रहे होंगे कि इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस के रेडिएशन पर स्टैंडर्ड ये क्या होता है. हम आपको समझाते हैं. मोबाइल टॉवर जो घर के बाहर लगे होते हैं उनके लिए नियम हैं कि वो कितनी दूर लगाए जाएं ताकि उसकी तरगें हमें कम से कम नुकसान दे सकें. लेकिन, घर के कोने में लगा राउटर उतनी ही रेडिएशन छोड़ता है जितना कि बाहर का टावर.

मस्तिष्क पर बुरा असर छोड़ती हैं तरंगें
इस बारे में जब जी मीडिया ने डॉक्टर मोनिका महाजन से बात की तो उन्होंने बताया कि इन तरंगों से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर होता है. हमारे टिश्यू गर्म होते हैं और एक निश्चित समय पर वो बाकी अंगों पर असर करना शुरू कर देते हैं.

क्या होता है असर
- बच्चों में चिड़चिड़ापन
- सिर दर्द, भारीपन
- तनाव, स्मरण शक्ति कम होना
- गर्दन और बदन दर्द
- दिल और दिमाग की बीमारी
- दिमाग के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं
- कैंसर तक होने की संभावना रहती है

Source:-Zeenews

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Thursday, 24 May 2018

कांग्रेस ने तूतीकोरिन में गोलीबारी को बताया जनसंहार, जलियांवाला बाग हत्याकांड से की तुलना

चेन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में 11 लोगों की मौत पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड से की है. गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'राज्य सरकार जानती थी कि आंदोलन के 100 दिन हो गए हैं, यह आगे और भी बढ़ने जा रहा है. उन्हें कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बेहतर इंतजाम करना चाहिए था, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया. उन्होंने हालात से निपटने के लिए फायरिंग का सहारा लिया. यह जनसंहार है, बिल्कुल जलियांवाला बाग की तरह.'

पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत, केंद्र ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत हो गयी है. राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया है. मंगलवार (22 मई) के बाद बुधवार (23 मई) के दिन हिंसा होने के बाद राज्य सरकार ने तूतीकोरिन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है. बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी के लिए बने हालात पर तमिलनाडु सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है. बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

पर्यावरण संगठनों, एमनेस्टी ने तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की निंदा की
पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन शहर में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति से देश में पर्यावरण संबंधी शासन की ‘‘पूर्ण नाकामी’’ का पता चलता है. सेंटर फोर साइंस एंड इन्वायरनमेंट (सीएसई) ने कहा कि कंपनी के व्यापारिक हितों पर लोगों के हितों को तरजीह दी जानी चाहिए.

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Friday, 18 May 2018

नितिन गडकरी ने लगाई ठेकेदारों की क्‍लास, बोले- 'गड़बड़ करोगे तो वहीं गाड़ दूंगा'

भोपाल: केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बैतूल में सड़क बना रहे ठेकेदारों को जमकर लताड़ा. नितिन गडकरी ने धमकाने वाले अंदाज में कहा कि 'अगर काम में गड़बड़ हुई तो गिट्टी के बिना आपको गाड़ दूंगा.'

बैतूल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में भाग लेने आए गडकरी ने कहा कि 'उन्होंने करोड़ों रुपये की सड़कें स्वीकृत की हैं, जिसकी मालिक जनता है. जितने भी ठेकेदार आपके यहां काम कर रहे हैं कोई मेरे पास दिल्ली नहीं आता. एक पैसे का करप्‍शन नहीं है. मैंने उन्हें बोल दिया है कि अगर गड़बड़ करोगे तो गिट्टी के बिना तुम्हें वहीं गाड़ दूंगा.'

विभाग में पैसे की कमी नहीं- गडकरी
गडकरी ने इस दौरान मंच से कहा कि 'उनके विभाग में रुपये की कमी नहींं है. जितना चाहे वे देने को तैयार हैं. इसी के साथ नितिन गडकरी ने कहा कि सिंचाई के लिए केंद्र सरकार राज्यों की भी मदद कर रही है, सिंचाई के लिए एमपी को हजारों करोड़ रुपये दिए गए.' गडकरी ने आगे कहा कि 21वीं सदी में राजनीति जाति और पैसे की नहीं है. शिवराज सरकार की तारीफ करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि 'उन्‍होंने अच्‍छा काम किया है.' वहीं गन्‍ना किसानों के भुगतान पर बोलते हुए गडकरी ने कहा कि 'गन्ना किसानों को समय से भुगतान किया जा रहा है.'

2019 तक 80 फीसदी गंगा शुद्ध हो जाएगी
भोपाल में ज़ी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के कॉनक्लेव में गंगा की सफाई पर नितिन गडकरी ने कहा कि मार्च 2019 तक 70 से 80 फीसदी गंगा शुद्ध हो जाएगी. इसके लिए आम लोगों से लेकर स्वंय सेवी संस्थाओं की मदद भी ली जा रही है. कॉनक्लेव में आगे बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केन-बेतवा प्रोजेक्ट से एमपी की तस्वीर बदल सकती है जिस दिन सीएम शिवराज और योगी हस्ताक्षर कर देंगे तो 3 महीने के अंदर प्रोजक्ट शुरू हो जाएगा. केंद्र 40 हजार करोड़ रुपये की मदद देगा.

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Monday, 23 April 2018

शख्स ने पूछा- मेरे खाते में कब आएंगे 15 लाख रुपये? PMO से मिला ये जवाब

नई दिल्ली: 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब विदेशों से कालाधन वापस आएगा तब प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये मिलेंगे. इस वादे को लेकर सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मोहन कुमार शर्मा ने पीएमओ से सवाल किया कि उनके खाते में ये राशि कब आने वाली है. इसे लेकर हाल ही में पीएमओ की ओर से जवाब दे दिया गया है. पीएमओ की ओर से कहा गया कि ये सवाल आरटीआई कानून के तहत सूचना के दायरे में नहीं आता और इसीलिए इसका उत्तर नहीं दिया जा सकता.

सूचना आयोग ने सही ठहराया पीएमओ का कदम
माथुर ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार आवेदनकर्ता ने अन्य बातों के अलावा यह जानकारी मांगी थी कि प्रधानमंत्री के वादे के अनुसार नागरिकों के खातों में कब 15 लाख रुपये डाले जाएंगे. यह जानकारी आरटीआई कानून की धारा 2 (एफ) के तहत सूचना के दायरे में नहीं आती.

आरटीआई कानून की इस धारा के अनुसार सूचना से तात्पर्य रिकॉर्ड, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, प्रेस विज्ञप्ति सलाह, अनुबंध, रिपोर्ट, दस्तावेज, नमूना, लॉगबुक समेत किसी भी रूप में रखी सामग्री से है. साथ ही सूचना किसी भी निजी निकाय से संबद्ध हो सकती है जिसतक किसी भी कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की पहुंच हो सकती है.

माथुर ने निर्णय किया कि आरटीआई आवेदन के निपटान के संदर्भ में जवाब देने वाले दोनों पक्षों प्रधानमंत्री कार्यालय और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम उपयुक्त हैं.



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IT रिटर्न में ये गलती न करें, जेल की हवा खानी पड़ सकती है

नई दिल्‍ली: कर चोरी और काले धन पर अंकुश के लिए सरकार और आयकर विभाग ने ढेरों उपाय किए हैं. इनमें कर चोरी के मामलों में कार्रवाई से लेकर संदिग्‍ध करदाताओं की आय के स्रोतों की जांच तक शामिल है. केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके साथ ही वेतनभोगी करदाताओं को भी चेतावनी दी है कि वे आय को कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ा कर गलत आयकर रिटर्न (ITR) न भरें. ऐसा करने पर आयकर विभाग न सिर्फ उन पर जुर्माना लगाएगा बल्कि आयकर (आईटी) अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही भी करेगा. इस अधिनियम के तहत सजा के अलग-अलग प्रावधान हैं. सजा या जुर्माना गड़बड़ी कैसी है उस पर निर्भर करता है और अगर कर चोरी की है तो उसके लिए अलग सजा है. आइए आईटी नियम के प्रावधानों पर नजर डालते हैं:

अज्ञात स्रोतों से आय मालूम चलने पर सजा
विभाग का कहना है कि सिर्फ आय बताना काफी नहीं है बल्कि आय के स्रोत की जानकारी भी देना जरूरी है. आयकर अधिनियिम के सेक्‍शन 271एएसी के तहत आयकर अधिकारी इस मामले में 10 फीसदी की दर से जुर्माना लगा सकता है. अगर आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात धन, निवेश की रकम गलत बताने और खर्चों की सही जानकारी न देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है. अगर रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पता चला कि टैक्स ऑडिट नहीं करवाया गया तो भी पेनॉल्‍टी लगती है. ये सिर्फ व्यापारियों या कंपनियों के लिए है.

रिटर्न फाइल न करने या देरी पर सजा
अगर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया गया तो भी जुर्माना लगाया जाता है. इसके लिए 5000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर यह पता चलता है कि टीडीएस रिटर्न साल भर के अंदर नहीं फाइल किया गया है तो पेनाल्टी 10 हज़ार से 1 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर किसी व्यक्ति ने पैन कार्ड इनकम टैक्स अकाउंट से नहीं लिंक किया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है. अगर पैन का ब्‍योरा गलत है तो भी ये अपराध है ऐसे में 10 हज़ार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. टैन (टैक्‍स डिडक्‍शन एंड कलेक्‍शन एकाउंट नंबर) के मामले में गड़बड़ी मिलने पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगता है. अगर इनमें से कोई गलती ज्यादा बड़ी समझ आती है और किसी का जुर्म साबित हो जाता है तो जुर्माने के साथ-साथ उसे जेल भी हो सकती है.

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Friday, 20 April 2018

अगर चीफ जस्टिस पर महाभियोग शुरू भी हुआ, तब भी विपक्ष की 'हार' तय है, जानिए कैसे...

नई दिल्‍ली : कांग्रेस सहित 7 पार्टियों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्‍ताव दिया है. शुक्रवार को उप राष्‍ट्रपति वैंकेया नायडू को सौंपे गए इस प्रस्‍ताव में विपक्ष ने प्रधान न्‍यायाधीश पर पांच आरोप लगाए हैं और महाभियोग शुरू करने की मांग की है, लेकिन विपक्ष के इस दांव की राह में कई रोड़े हैं. इस पूरी प्रकिया में एक खास बात यह भी है कि अगर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू भी हुई तो उसके पूरी होने से पहले ही चीफ जस्टिस का कार्यकाल पूरा हो चुका होगा. वह 2 अक्टूबर को रिटायर होंगे.

-सबसे पहले तो राज्यसभा के सभापति यानि उप राष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू इस प्रस्‍ताव को खारिज कर सकते हैं. दरअसल, इस प्रस्‍ताव के लिए लोकसभा के 100 या उच्‍च सदन यानि राज्‍यपाल के 50 सदस्‍यों के हस्‍ताक्षर जरूरी हैं, लेकिन राज्‍यसभा के सभापति को प्रस्‍ताव को मंजूर करने या उसे खारिज करने का अधिकार है.

-अगर रिपोर्ट खिलाफ है तो न्‍यायाधीश की राज्यसभा में होगी पेशी. उसके बाद वोटिंग की जाएगी. प्रस्‍ताव की जीत के लिए 123 वोट जरूरी है, लेकिन अभी जिन 7 दलों ने महाभियोग का प्रस्ताव रखा है, उनके उच्‍च सदन में सिर्फ 78 सांसद हैं. यानी प्रस्ताव गिरना लगभग तय है.

-अगर यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जोकि आरोपों की जांच करेगी. इस 3 सदस्यीय समिति में सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और एक कानून विशेषज्ञ होंगे. समिति आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

-अगर इस मुद्दे पर विपक्ष एक हुआ तो वह राज्‍यसभा में जीत जाएगा, जिसके बाद लोकसभा में पेशी होगी, लेकिन संख्‍याबल के मुताबिक वहां विपक्ष की हार तय है. बड़ी बात यह भी है कि इस प्रक्रिया में 6 महीने से अधिक समय लगेंगे. और तब तक चीफ जस्टिस (2 अक्टूबर को) रिटायर हो चुके होंगे.

Source:-Zeenews

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After PM's Warning, BJP Leaders Say Akash Vijayvargiya Was Not "Invited"

INDORE, MADHYA PRADESH: Local BJP pioneers in Indore have hurried to clarify their gathering of Akash Vijayvargiya, child of senior gatheri...