अजमेर और मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में बरी हो चुके स्वामी असीमानंद को बीजेपी ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकती है. पश्चिम बंगाल में सियासी जमीन तलाश रही बीजेपी असीमानंद के राज्य में उतारने की तैयारी कर रही है. बीजेपी के प्रदेश ईकाई असीमानंद की मदद लेने के साफ संकेत दिए हैं.
पीटीआई के मुताबिक पश्चिम बंगाल के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मैं स्वामी असीमानंद को निजी तौर पर लंबे समय से जानता हूं. मैं उनसे बात करुंगा और उन्हें पश्चिम बंगाल में पार्टी के लिए काम करने के लिए लाने का प्रयास करूंगा. उन्होंने लंबे समय तक बंगाल में आदिवासियों के बीच काम किया है. पार्टी के लिए कई तरह से वो मदद कर सकते हैं.
स्वामी असीमानंद का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के कामारपुकार स्थित नाबा कुमार सरकार के घर हुआ था और उन्होंने 1971 में विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री की थी. असीमानंद अपने ज्वलंत भाषण और अल्पसंख्यक विरोधी रुख रखने के लिए जाने जाते हैं. वह स्कूल के दिनों से ही दक्षिणपंथी समूह के साथ जुड़ गए थे. राज्य के पुरुलिया और बांकुरा जिलों में वनवासी कल्याण आश्रम में वह पूर्ण कालिक कार्य कर रहे हैं. यह वही आश्रम हैं जिसे 1981 में नाबा कुमार ने स्वामी असीमानंद के नाम कर दिया था.
गौरतलब है कि सोमवार को ही अदालत ने 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में 66 वर्षीय असीमानंद और चार अन्य को आरोपों से बरी कर दिया था.
Source:-Aajtak
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पीटीआई के मुताबिक पश्चिम बंगाल के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मैं स्वामी असीमानंद को निजी तौर पर लंबे समय से जानता हूं. मैं उनसे बात करुंगा और उन्हें पश्चिम बंगाल में पार्टी के लिए काम करने के लिए लाने का प्रयास करूंगा. उन्होंने लंबे समय तक बंगाल में आदिवासियों के बीच काम किया है. पार्टी के लिए कई तरह से वो मदद कर सकते हैं.
स्वामी असीमानंद का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के कामारपुकार स्थित नाबा कुमार सरकार के घर हुआ था और उन्होंने 1971 में विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री की थी. असीमानंद अपने ज्वलंत भाषण और अल्पसंख्यक विरोधी रुख रखने के लिए जाने जाते हैं. वह स्कूल के दिनों से ही दक्षिणपंथी समूह के साथ जुड़ गए थे. राज्य के पुरुलिया और बांकुरा जिलों में वनवासी कल्याण आश्रम में वह पूर्ण कालिक कार्य कर रहे हैं. यह वही आश्रम हैं जिसे 1981 में नाबा कुमार ने स्वामी असीमानंद के नाम कर दिया था.
गौरतलब है कि सोमवार को ही अदालत ने 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में 66 वर्षीय असीमानंद और चार अन्य को आरोपों से बरी कर दिया था.
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