नई दिल्ली: कर चोरी और काले धन पर अंकुश के लिए सरकार और आयकर विभाग ने ढेरों उपाय किए हैं. इनमें कर चोरी के मामलों में कार्रवाई से लेकर संदिग्ध करदाताओं की आय के स्रोतों की जांच तक शामिल है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके साथ ही वेतनभोगी करदाताओं को भी चेतावनी दी है कि वे आय को कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ा कर गलत आयकर रिटर्न (ITR) न भरें. ऐसा करने पर आयकर विभाग न सिर्फ उन पर जुर्माना लगाएगा बल्कि आयकर (आईटी) अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही भी करेगा. इस अधिनियम के तहत सजा के अलग-अलग प्रावधान हैं. सजा या जुर्माना गड़बड़ी कैसी है उस पर निर्भर करता है और अगर कर चोरी की है तो उसके लिए अलग सजा है. आइए आईटी नियम के प्रावधानों पर नजर डालते हैं:
अज्ञात स्रोतों से आय मालूम चलने पर सजा
विभाग का कहना है कि सिर्फ आय बताना काफी नहीं है बल्कि आय के स्रोत की जानकारी भी देना जरूरी है. आयकर अधिनियिम के सेक्शन 271एएसी के तहत आयकर अधिकारी इस मामले में 10 फीसदी की दर से जुर्माना लगा सकता है. अगर आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात धन, निवेश की रकम गलत बताने और खर्चों की सही जानकारी न देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है. अगर रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पता चला कि टैक्स ऑडिट नहीं करवाया गया तो भी पेनॉल्टी लगती है. ये सिर्फ व्यापारियों या कंपनियों के लिए है.
रिटर्न फाइल न करने या देरी पर सजा
अगर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया गया तो भी जुर्माना लगाया जाता है. इसके लिए 5000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर यह पता चलता है कि टीडीएस रिटर्न साल भर के अंदर नहीं फाइल किया गया है तो पेनाल्टी 10 हज़ार से 1 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर किसी व्यक्ति ने पैन कार्ड इनकम टैक्स अकाउंट से नहीं लिंक किया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है. अगर पैन का ब्योरा गलत है तो भी ये अपराध है ऐसे में 10 हज़ार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. टैन (टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन एकाउंट नंबर) के मामले में गड़बड़ी मिलने पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगता है. अगर इनमें से कोई गलती ज्यादा बड़ी समझ आती है और किसी का जुर्म साबित हो जाता है तो जुर्माने के साथ-साथ उसे जेल भी हो सकती है.
Source:-Zeenews
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अज्ञात स्रोतों से आय मालूम चलने पर सजा
विभाग का कहना है कि सिर्फ आय बताना काफी नहीं है बल्कि आय के स्रोत की जानकारी भी देना जरूरी है. आयकर अधिनियिम के सेक्शन 271एएसी के तहत आयकर अधिकारी इस मामले में 10 फीसदी की दर से जुर्माना लगा सकता है. अगर आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात धन, निवेश की रकम गलत बताने और खर्चों की सही जानकारी न देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है. अगर रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पता चला कि टैक्स ऑडिट नहीं करवाया गया तो भी पेनॉल्टी लगती है. ये सिर्फ व्यापारियों या कंपनियों के लिए है.
रिटर्न फाइल न करने या देरी पर सजा
अगर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया गया तो भी जुर्माना लगाया जाता है. इसके लिए 5000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर यह पता चलता है कि टीडीएस रिटर्न साल भर के अंदर नहीं फाइल किया गया है तो पेनाल्टी 10 हज़ार से 1 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर किसी व्यक्ति ने पैन कार्ड इनकम टैक्स अकाउंट से नहीं लिंक किया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है. अगर पैन का ब्योरा गलत है तो भी ये अपराध है ऐसे में 10 हज़ार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. टैन (टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन एकाउंट नंबर) के मामले में गड़बड़ी मिलने पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगता है. अगर इनमें से कोई गलती ज्यादा बड़ी समझ आती है और किसी का जुर्म साबित हो जाता है तो जुर्माने के साथ-साथ उसे जेल भी हो सकती है.
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