नई दिल्ली : 1 जून यानि की आज (शुक्रवार) से मध्य प्रदेश समेत 22 राज्यों के किसान अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इस आंदोलन के लिए देशभर के किसान एकजुट हो चुके हैं और इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि हड़ताल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से फल, सब्जी, दूध व अन्य सामान शहरों की तरफ नहीं आने देंगे. किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल फिलहाल 10 जून तक प्रस्तावित है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले वक्त में यह ज्यादा दिनों तक बढ़ाई जा सकती है.
प्रशासन ने कसी आंदोलन के लिए कमर
साल 2017 में हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए प्रशासन ने भी इसके लिए तैयारी कर ली है. मध्यप्रदेश के आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस तैयार है. चिन्हित 35 जिलों में 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड आवंटित किए गए हैं. 100 के तकरीबन चार पहिया पुलिस वाहनों को भेजा गया. सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियों को तैनात किया गया है.
किसान आंदोलन: मंदसौर में 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस, साइन कराए 25000 के बांड
क्या है किसानों की मांग
- देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए.
- सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए.
- छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.
किसान ऐसे करेंगे आंदोलन
- शुरुआती आंदोलन में किसान 1 जून से ग्रामीण क्षेत्रों में फल, दूध, सब्जी व अन्य सामान ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर आना बंद करेंगे.
- 6 जून को कुछ किसान संगठन मंदसौर गोलीकांड में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 10 जून यानि की आंदोलन के आखिरी दिन किसान पूरे भारत में बंद का आह्वान करेंगे.
3 बाद हिंसक हो सकता है आंदोलन
किसानों के आंदोलन को लेकर जहां एक तरफ प्रशासन चिंतित है तो वहीं, इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा- 'जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ता है वैसे-वैसे स्थितियां बदलती हैं'. उन्होंने कहा कि हाईवे से सटे हुए गांव के किसान अचानक एकजुट होकर उग्र प्रदर्शन कर सकते हैं, ऐसे में उन्हें रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
राहुल गांधी भी होंगे आंदोलन का हिस्सा!
एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश का दौरा करने वाले हैं. आगामी 6 जून को राहुल पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ मंदसौर का दौरा करने वाले हैं. राहुल के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में पहले से ही अटकलों की शुरुआत हो गई है.
Source:-Zeenews
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प्रशासन ने कसी आंदोलन के लिए कमर
साल 2017 में हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए प्रशासन ने भी इसके लिए तैयारी कर ली है. मध्यप्रदेश के आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस तैयार है. चिन्हित 35 जिलों में 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड आवंटित किए गए हैं. 100 के तकरीबन चार पहिया पुलिस वाहनों को भेजा गया. सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियों को तैनात किया गया है.
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क्या है किसानों की मांग
- देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए.
- सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए.
- छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.
किसान ऐसे करेंगे आंदोलन
- शुरुआती आंदोलन में किसान 1 जून से ग्रामीण क्षेत्रों में फल, दूध, सब्जी व अन्य सामान ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर आना बंद करेंगे.
- 6 जून को कुछ किसान संगठन मंदसौर गोलीकांड में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 10 जून यानि की आंदोलन के आखिरी दिन किसान पूरे भारत में बंद का आह्वान करेंगे.
3 बाद हिंसक हो सकता है आंदोलन
किसानों के आंदोलन को लेकर जहां एक तरफ प्रशासन चिंतित है तो वहीं, इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा- 'जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ता है वैसे-वैसे स्थितियां बदलती हैं'. उन्होंने कहा कि हाईवे से सटे हुए गांव के किसान अचानक एकजुट होकर उग्र प्रदर्शन कर सकते हैं, ऐसे में उन्हें रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
राहुल गांधी भी होंगे आंदोलन का हिस्सा!
एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश का दौरा करने वाले हैं. आगामी 6 जून को राहुल पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ मंदसौर का दौरा करने वाले हैं. राहुल के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में पहले से ही अटकलों की शुरुआत हो गई है.
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