सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली: घरों के बाहर जो मोबाइल टावर्स लगे हैं उनकी तरगों से हमें बहुत परेशानी होती है. इसलिए उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर लगाने के नियम बने हैं. लेकिन, घर के अंदर जो राउटर लगा है, (वाई फाई-ब्लूटूथ) जिससे घर के सभी तरह के कम्यूनिकेशन वाले इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस चलते हैं, उनकी तरगें कितनी खतरनाक होती हैं, कभी सोचा है. इसलिए नहीं सोचा क्योंकि इन इलेकट्रॉनिक अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज कितनी होनी चाहिए ऐसा कोई मानक नहीं है, ना ही कंपनियां कुछ बताती हैं, और ना ही कोई सरकारी निर्देश हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. एनपीएल इन अपलाइंसेस की रेडिएशन रेंज का मानक तय करने जा रही है. इसके बाद कंपनियों को रेडिएशन रेंज को ध्यान में रखकर ये अपलाइंसेस बनाने होंगे.
पॉल्यूशन के बाद अब रेडिएशन पर है एनपीएल की नजर
जी हां, पॉल्यूशन पर मानक बनाने के बाद अब एनपीएल ने रेडिएशन रेंज पर मानक लाने का काम शुरू कर दिया है. आप सोच रहे होंगे कि इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस के रेडिएशन पर स्टैंडर्ड ये क्या होता है. हम आपको समझाते हैं. मोबाइल टॉवर जो घर के बाहर लगे होते हैं उनके लिए नियम हैं कि वो कितनी दूर लगाए जाएं ताकि उसकी तरगें हमें कम से कम नुकसान दे सकें. लेकिन, घर के कोने में लगा राउटर उतनी ही रेडिएशन छोड़ता है जितना कि बाहर का टावर.
मस्तिष्क पर बुरा असर छोड़ती हैं तरंगें
इस बारे में जब जी मीडिया ने डॉक्टर मोनिका महाजन से बात की तो उन्होंने बताया कि इन तरंगों से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर होता है. हमारे टिश्यू गर्म होते हैं और एक निश्चित समय पर वो बाकी अंगों पर असर करना शुरू कर देते हैं.
क्या होता है असर
- बच्चों में चिड़चिड़ापन
- सिर दर्द, भारीपन
- तनाव, स्मरण शक्ति कम होना
- गर्दन और बदन दर्द
- दिल और दिमाग की बीमारी
- दिमाग के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं
- कैंसर तक होने की संभावना रहती है
Source:-Zeenews
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पॉल्यूशन के बाद अब रेडिएशन पर है एनपीएल की नजर
जी हां, पॉल्यूशन पर मानक बनाने के बाद अब एनपीएल ने रेडिएशन रेंज पर मानक लाने का काम शुरू कर दिया है. आप सोच रहे होंगे कि इलेक्ट्रॉनिक अपलाइंसेस के रेडिएशन पर स्टैंडर्ड ये क्या होता है. हम आपको समझाते हैं. मोबाइल टॉवर जो घर के बाहर लगे होते हैं उनके लिए नियम हैं कि वो कितनी दूर लगाए जाएं ताकि उसकी तरगें हमें कम से कम नुकसान दे सकें. लेकिन, घर के कोने में लगा राउटर उतनी ही रेडिएशन छोड़ता है जितना कि बाहर का टावर.
मस्तिष्क पर बुरा असर छोड़ती हैं तरंगें
इस बारे में जब जी मीडिया ने डॉक्टर मोनिका महाजन से बात की तो उन्होंने बताया कि इन तरंगों से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर होता है. हमारे टिश्यू गर्म होते हैं और एक निश्चित समय पर वो बाकी अंगों पर असर करना शुरू कर देते हैं.
क्या होता है असर
- बच्चों में चिड़चिड़ापन
- सिर दर्द, भारीपन
- तनाव, स्मरण शक्ति कम होना
- गर्दन और बदन दर्द
- दिल और दिमाग की बीमारी
- दिमाग के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं
- कैंसर तक होने की संभावना रहती है
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