Monday, 11 June 2018

कश्मीर के गांव में Whatsapp से ऐसे बचाई हार्ट अटैक से मरीज की जान

नई दिल्ली : जिस सोशल मीडिया की भूमिका पर आज सवाल उठ रहे हैं, वह कई बार हमारे लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है. जम्मू एंड कश्मीर के बनिहाल में Whatsapp की मदद से एक डॉक्टर ने मरीज की जान बचा ली. उस मरीज को हार्ट अटैक आया था. ऐसे में डॉक्टर ने उसका ईसीजी कर तुरंत उसे Whatsapp पर अपने सीनियर्स के साथ शेयर किया, उन्होंने डॉक्टर को दिशा निर्देश दिए और मरीज की जान बचा ली गई.

मामला जम्मू एंड कश्मीर के बनिहाल का है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कुछ दिनों पहले यहां पर 27 वर्षीय बिलाल अहमद को छाती में दर्द की शिकायत के बाद रामबान के लोकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर ने उसका ईसीजी किया. उससे पता चला कि उसे हार्ट अटैक आया है. डॉ. आकिब नजम ने कहा, 'हमने इसके बाद बिना देर किए ईसीजी को इसे अपने सीनियर डॉक्टर के साथ शेयर किया. उन्होंने मुझे इस मामले में गाइड किया और थ्रोंबोलिसिस के इस्तेमाल के लिए बोला. थ्रोंबोलिसिस रक्त वाहिकाओं में क्लॉट को खत्म करती है. मैंने भी वही किया और हम मरीज की जान बचाने में कामयाब रहे.'

डॉ. नजम के अनुसार, इस तरह के केस में पहला घंटा सबसे महत्वपूर्ण होता है. ये एक गोल्डन आवर होता है. लेकिन इस तरह की जगह में कई बार पहले घंटे में लोग कई बार देर कर देते हैं. डॉ. ने कहा, हमने उस शख्स को ट्रीटमेंट देने के बाद आगे के इलाज के लिए श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया.

ये मरीज उन कई मरीजों में शामिल है, जो दूर दराज के क्षेत्रों में बीमार पड़ जाते हैं, लेकिन डॉक्टरों के इस नए तरीके से उनकी जान बचाई जा चुकी है. दरअसल इसकी शुरुआत पिछले दिसंबर में कश्मीर के डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विस ने की थी. अधिकारियों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग हब एंड स्पोक मॉडल का घाटी में लोगों की जान बचाने में इस्तेमाल कर रहा है. कश्मीर में हृदय रोग या अन्य बड़े रोगों के इलाज के लिए लोग दो ही अस्पताल शेर ए कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एसकेआईएमएस) और श्री महाराजा हरिसिंह हॉस्पिटल (एसएमएचएस) पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में दूर दराज के अस्पतालों को Whatsapp  पर एक ग्रुप से जोड़ा गया है, जो ऐसे कठिन मौकों पर बड़े डॉक्टर की सलाह लेकर मरीजों को शुरुआती घंटों में इलाज मुहैया करा रहे हैं.

Source:-ZEENEWS

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Friday, 8 June 2018

प्रणब मुखर्जी की तस्वीर से छेड़छाड़ पर बोला संघ - हमें बदनाम करने की साजिश

नई दिल्ली: नागपुर में अपने कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया पर जारी करने की निंदा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि यह जानबूझकर संघ को बदनाम करने की विभाजनकारी राजनीतिक ताकतों की चाल है जिन्होंने डा. मुखर्जी को इस समारोह में भाग लेने से रोकने और विरोध करने का काम किया था .

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य ने एक बयान में कहा कि कुछ विभाजनकारी राजनीतिक तत्वों ने नागपुर में गुरुवार को आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक समारोह से जुड़ी एक झूठी तस्वीर पोस्ट की जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रार्थना की मुद्रा में दिखाया गया है .

'हताश ताकतें चल रही हैं चाल'
वैद्य ने कहा कि इन्हीं ताकतों ने डा. मुखर्जी को इस समारोह में भाग लेने से रोकने और विरोध करने का काम भी किया था और अब ये हताश ताकतें संघ को बदनाम करने के लिये इस प्रकार की घटिया चालें चल रही हैं .  संघ के सह सर कार्यवाह ने कहा, ‘हम जानबूझकर संघ को बदनाम करने के लिये इन विभाजनकारी राजनीतिक ताकतों द्वारा चलाई जा रही ऐसी कुत्सित चालों की निंदा और निषेध करते हैं .’

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उठाया था सवाल
बता दें कि प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने शुक्रवार को आरएसएस के कार्यक्रम से जुड़ी प्रणब मुखर्जी की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें सोशल मीडिया में शेयर किए जाने पर कहा था, ‘देखिए, मुझे इसी का डर था और इसके बारे में मैंने अपने पिता को आगाह किया था.’ उन्होंने कहा था कि कुछ घंटे भी नहीं बीते कि भाजपा एवं आरएसएस का डर्टी ट्रिक्स विभाग अपने काम में जुट गया.

वहीं कांग्रेस ने भी प्रणब मुखर्जी की फेक फोटो को लेकर निशाना साधा. कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा था कि प्रणब मुखर्जी के भाषण के कुछ घंटों के अंदर ही संघ ब्रदरहुड की फोटोशॉप फैक्ट्रियों ने काम करने शुरू कर दिया है.


बता दें शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था और ट्विटर पर अपने पोस्ट के जरिए अपनी नाखुशी भी जाहिर की थी.  इससे पहले 6 जून को शर्मिष्ठा ने ट्वीट करके कहा था कि, ‘आशा करती हूं कि प्रणब मुखर्जी को आज की घटना से इसका अहसास हो गया होगा कि भाजपा का डर्टी ट्रिक्स विभाग किस तरह काम करता है.’

Source:-ZEENEWS

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Thursday, 7 June 2018

फंड की कमी से जूझ रही भारतीय सेना ने अपनी जमीन के बदले मांगे पैसे

नई दिल्ली : भारतीय सेना इस समय फंड की कमी से जूझ रही है. अभी खबरें आई थीं कि बजट में कटौती के कारण सेना में सैनिकों को अपनी वर्दी मार्केट से खरीदनी पड़ सकती है. अब सेना ने अपनी उस जमीन के बदले पैसे की मांग की है, जिस पर या तो अतिक्रमण कर लिया गया है या फिर वह राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दी गई है. इससे सेना को अपने रुके हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी कामों को आगे बढ़ाया जा सकेगा.

सेना की ओर से रक्षा विभाग को पत्र लिखकर जमीन के बदले पैसे की मांग की गई है. डीएनए की रिपोर्ट के अुनसार, ये पत्र इस संबंध में पिछले महीने लिखा गया था. इस पत्र के अनुसार, देश में 1550.20 एकड़ आर्मी की जमीन राज्य सरकार के पास है. इसके अलावा सेना की 1219.98 एकड़ जमीन पर किसी न किसी तरह का अतिक्रमण है.

सेना का कहना है कि राज्य सरकारें उसे उसकी जमीन के बराबर की कीमत की जमीन नहीं लौटा पाई हैं. अब सेना ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य सरकारें उसे जमीन के बदले रुपए दें. इससे वह अपने करीब 5000 करोड़ के मेरिड अकोमेडेशन प्रोजेक्ट (एमएपी) के लिए इस्तेमाल कर सकेगी. इसके अलावा उसे अगले पांच साल के लिए आधुनिकीकरण के लिए जो 15000 करोड़ की जरूरत है, उसे भी पूरा किया जा सकेगा.

डिफेंस डील से जुड़े अधिकारी के मुताबिक सेना को उसकी कीमत पर जमीन उपलब्ध कराने की परेशानी समय समय पर आती रहती है. उसके अगर हमें जमीन के बदले फंड मिल जाता है तो फंड की कमी से जो आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अटकी हुई है, उससे भी निपटा जा सकेगा. इस समय सेना असॉल्ट राइफल और छोटे हथियारों की कमी से जूझ रही है.

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Tuesday, 5 June 2018

मप्र: कांग्रेस नेता कमलनाथ के घर से चंदन के पेड़ की चोरी, 9 महीने बाद आरोपी गिरफ्तार

भोपाल: छिंदवाड़ा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के फार्म हाउस को भी चोरों ने नहीं बख्शा. कड़ी सुरक्षा के बीच चोर पेड़ चुरा ले गए और किसी को भनक भी नहीं लगी. चोरों को दबोचने में पुलिस को नौ महीने लग गए. फिर भी गिरोह के सभी सदस्य गिरफ्तार नहीं हो पाए. गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश में टीम जुटी है.

मध्‍यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सांसद कमलनाथ का शिकारपुर में फार्म हाउस है. इस फार्म हाउस से 19 और 20 अक्टूबर 2017 की रात चोर चन्दन का पेड़ काट ले गए थे. अगले दिन चौकीदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात चोरों पर मामला दर्ज किया था. चोरों को पकड़ने में पुलिस को पूरे नौ महीने का समय लग गया.

भोपाल: छिंदवाड़ा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के फार्म हाउस को भी चोरों ने नहीं बख्शा. कड़ी सुरक्षा के बीच चोर पेड़ चुरा ले गए और किसी को भनक भी नहीं लगी. चोरों को दबोचने में पुलिस को नौ महीने लग गए. फिर भी गिरोह के सभी सदस्य गिरफ्तार नहीं हो पाए. गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश में टीम जुटी है.

मध्‍यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सांसद कमलनाथ का शिकारपुर में फार्म हाउस है. इस फार्म हाउस से 19 और 20 अक्टूबर 2017 की रात चोर चन्दन का पेड़ काट ले गए थे. अगले दिन चौकीदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात चोरों पर मामला दर्ज किया था. चोरों को पकड़ने में पुलिस को पूरे नौ महीने का समय लग गया.

कमलनाथ की राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी हुई लीक, कांग्रेस में मचा बवाल

पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, गिरोह का एक सदस्‍य शहर की मांधाता कॉलोनी में चोरी के इरादे से घूम रहा था. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपने तीन अन्य साथियों के साथ चोरी करना कबूला. पुलिस ने आरोपी के बताए ठिकाने से 2 बोरी चन्दन की लकड़ी के टुकड़े बरामद किए. लकड़ी ढोने में इस्तेमाल होने वाली दो बाइक और चार लोगों को गिरफ्तार किया. गिरोह के दो अन्य सदस्य फरार है जिनकी तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है.

Source:-ZEENEWS

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Monday, 4 June 2018

यूपी में जीत के लिए भाजपा बना रही 'खास प्लान', 50 सीटों पर होगा फोकस

नई दिल्ली : 2019 चुनाव से पहले भाजपा को उत्तरप्रदेश में एक के बाद एक तीन उपचुनाव में मिली हार ने उसके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. खासकर गोरखपुर और कैराना में मिली हार के बाद तो भाजपा की रणनीति पर ही सवाल उठ खड़े हुए हैं. पश्चिम यूपी में जिस तरह 2014 में भाजपा को कामयाबी मिली थी, वह इस बार विपक्षी एकता के सामने घुटने टेकती दिखाई दी. अब सवाल उठता है कि भाजपा यूपी में 2014 वाला प्रदर्शन कैसे दोहराएगी. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों से जो खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार, भाजपा को भी यह अहसास है कि अब यह संभव नहीं है. इसलिए अब भाजपा अपना प्लान बदलने जा रही है.

भाजपा को पता है कि 80 में से 71 सीटें जीतने का करिश्मा अब शायद ही दोहराया जा सके. ऐसे में उसने अपना टारगेट घटाकर 50 के आसपास कर लिया है. द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा मानती है कि अगर वह 50 सीटों के आसपास भी रह जाती है तो ये उसके लिए अच्छा होगा. साथ ही किसी दूसरी पार्टी को यूपी में 10 -15 सीटों से ज्यादा नहीं मिलेंगी. पार्टी नेता मानते हैं कि कि अगर यूपी से उसे 20 सीटें कम मिलीं, तो इसकी भरपाई वह दक्षिण और नॉर्थ ईस्ट को मिलाकर पूरा कर सकते हैं.

हाल में कैराना और नूरपुर में जिस तरह से सपा, आरएलडी, बसपा और कांग्रेस की एकता के कारण भाजपा को झटका लगा है, उसके कारण उसे अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ रहा है. 2014 में अगर भाजपा अपने दम पर बहुमत पा सकी थी तो इसका सबसे बड़ा कारण यूपी में मिली उसकी कामयाबी ही थी. लेकिन अब विपक्ष के साथ आने से उसे सबसे बड़ा संकट दिख रहा है.

कैराना में पाटा जा सकता है अंतर
भाजपा को लगता है कि वह कैराना में वोटों का अंतर पाट सकती है. 2014 में उसे 5,65,909 वोट मिले थे. इस बार के उपचुनाव में उसे 4,36,564 वोट मिले. वहीं विपक्ष की बात करें तो उसे 5,32,201 वोट मिले थे. (इसमें सपा, बसपा और आरएलडी के वोट शामिल हैं. कांग्रेस के नहीं). वहीं इस उपचुनाव में उसे 4,81,182 वोट मिले. कैराना में भले उसका वोट शेयर गिर गया हो, लेकिन वह अपने दम पर भी 46.5 फीसदी वोट पा गई.

2019 चुनावों में ये हो सकता है भाजपा गणित
2019 के चुनाव में भाजपा अपने कोर वोटर पर फोकस करेगी. इन उपचुनावों में भी तमाम मुद्दों के बावजूद उसे उसके पारंपरिक वोटराें का साथ मिला है. पार्टी ये भी मानती है कि बड़ी मात्रा में उसके वोटर इन उपचुनावों में वोट देने के लिए नहीं निकले. इन सभी उपचुनावों में पिछले चुनावों के मुकाबले कम वोट पड़े. कैराना में ही 2014 के मुकाबले इस चुनाव में 18 फीसदी कम वोटिंग हुई. इस बार 54 फीसदी लोग ही वोट देने के लिए निकले. ऐसा ही हाल नूरपुर का रहा. वहां पर 2017 विधानसभा चुनावों के मुकाबले कम वोटिंग हुई.

Source:-ZEENEWS

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Friday, 1 June 2018

देश के इस गांव में गरीबों के मसीहा बना ये उद्योगपति, बना दिया बिलकुल शहर जैसा

दिल्ली के अग्रणी उद्योगपति संजय डालमिया द्वारा संचालित डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) अपने गृह जिला झुंझनु के चिरावा तहसील में आने वाले एक गांव में लोगों की भलाई और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के क्षेत्र में बीते 14 सालों से शिद्दत से काम कर रहा है. ट्रस्ट इस्लाइलपुर नाम के इस गांव में 2004 से ही शिक्षा, पर्यावरण, जल संरक्षण, सेहत और स्वच्छता के क्षेत्र में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रहा है. ट्रस्ट सभी क्षेत्रों, जैसे साफ-सफाई और उन्हें पीने योग्य साफ और सुरक्षित पानी की सुविधाएं दिलाने में जुटा है. बारिश के पानी को हार्वेस्टिंग टैंक में स्टोर किया जाता है, जिससे उसे रिसाइकिल कर खाना पकाने और पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सके.


डालमिया सेवा ट्रस्ट चिरावा में साफ-सफाई और स्वच्छता के क्षेत्र में अपने हिस्से का कार्य कर स्वच्छ भारत अभियान के विचार में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है. इसके लिए ट्रस्ट उन 100 घरों में शौचालय बनवा रहा है, जहां के लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और अपने संसाधनों के दम पर शौचालय नहीं बनवा सकते. 

डीएसटी ने चिरावा में करीब 100 बेघर परिवारों के लिए घर भी बनाए हैं. समाज सेवा के ये सभी कार्यों का संचालन और प्रबंधन डालमिया सेवा ट्रस्ट की ओर से अपने संसाधनों से ही किया जाता है. उन्हें राज्य प्रशासन या किसी बाहरी एजेंसियों से किसी तरह की मदद नहीं मिलती.

सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है. ट्रस्ट इस दिशा में काम कर रही है. ट्रस्ट ने अब तक 125 शौचालय बनाए हैं और गांव में 75 टॉयलेट और बनवाए जा रहे हैं. ये सारा काम मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले से ही किया जा रहा है.

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टिप्पणियां डालमिया सेवा ट्रस्ट ने उल्लेखनीय योगदान करते हुए सामाजिक विकास के लिए चिरावा तहसील के इस्माइलपुर गांव को गोद लिया है. ग्रामीण विकास परियोजना के तहत ट्रस्ट ने करीब 13 बेघर परिवारों के घर बनाए हैं। ट्रस्ट इस तरह के 15-20 और घर बना रहा है. डालमिया परिवार देश की अन्य बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट्स से राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आगे आने का आग्रह करता है, जिससे देश के संपूर्ण विकास के लिए सरकार और इंडस्ट्री के बीच एक रचनात्मक लिंक बन सके.

Source:-NDTV

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Thursday, 31 May 2018

आज से देशभर में किसान हड़ताल पर, शहरों में बंद हो सकती है फल, सब्जी, दूध की सप्लाई

नई दिल्ली : 1 जून यानि की आज (शुक्रवार) से मध्य प्रदेश समेत 22 राज्यों के किसान अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इस आंदोलन के लिए देशभर के किसान एकजुट हो चुके हैं और इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि हड़ताल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से फल, सब्जी, दूध व अन्य सामान शहरों की तरफ नहीं आने देंगे. किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल फिलहाल 10 जून तक प्रस्तावित है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले वक्त में यह ज्यादा दिनों तक बढ़ाई जा सकती है.

प्रशासन ने कसी आंदोलन के लिए कमर
साल 2017 में हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए प्रशासन ने भी इसके लिए तैयारी कर ली है. मध्यप्रदेश के आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस तैयार है. चिन्हित 35 जिलों में 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड आवंटित किए गए हैं. 100 के तकरीबन चार पहिया पुलिस वाहनों को भेजा गया. सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियों को तैनात किया गया है.

किसान आंदोलन: मंदसौर में 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस, साइन कराए 25000 के बांड

क्या है किसानों की मांग

- देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए.

- सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए.

- छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.

किसान ऐसे करेंगे आंदोलन

- शुरुआती आंदोलन में किसान 1 जून से ग्रामीण क्षेत्रों में फल, दूध, सब्जी व अन्य सामान ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर आना बंद करेंगे.

- 6 जून को कुछ किसान संगठन मंदसौर गोलीकांड में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

- 10 जून यानि की आंदोलन के आखिरी दिन किसान पूरे भारत में बंद का आह्वान करेंगे.

3 बाद हिंसक हो सकता है आंदोलन
किसानों के आंदोलन को लेकर जहां एक तरफ प्रशासन चिंतित है तो वहीं, इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा- 'जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ता है वैसे-वैसे स्थितियां बदलती हैं'. उन्होंने कहा कि हाईवे से सटे हुए गांव के किसान अचानक एकजुट होकर उग्र प्रदर्शन कर सकते हैं, ऐसे में उन्हें रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.

राहुल गांधी भी होंगे आंदोलन का हिस्सा!
एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश का दौरा करने वाले हैं. आगामी 6 जून को राहुल पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ मंदसौर का दौरा करने वाले हैं. राहुल के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में पहले से ही अटकलों की शुरुआत हो गई है.

Source:-Zeenews

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After PM's Warning, BJP Leaders Say Akash Vijayvargiya Was Not "Invited"

INDORE, MADHYA PRADESH: Local BJP pioneers in Indore have hurried to clarify their gathering of Akash Vijayvargiya, child of senior gatheri...